- Bengal became the first state to opt out of the National Health Protection Scheme unveiled in the Union Budget.
- CM Mamata Banerjee announced that the state will not “waste” its hard-earned resources to contribute its share to the programme.
- Niti Aayog CEO Amitabh Kant has pegged the expenses for the Centre’s health plan at Rs 5,500-6,000 crore a year.
- The Centre has made a provisional allocation of Rs 2,000 crore and wants states to bear the rest.
- Mamata said her government has made hospitalisation and treatment free in Bengal.
- She pointed out that the Bengal government had already enrolled 50 lakh people under its own Swasthya Sathi programme.
- केन्द्रीय बजट में राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना से बाहर होने वाला, बंगाल पहला राज्य बन गया।
- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की कि राज्य अपने अर्जित संसाधनों को इस कार्यक्रम में योगदान देने के लिए "बर्बाद" नहीं करेगा।
- नीती आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने केंद्र की स्वास्थ्य योजना के लिए सालाना 5,500-6,000 करोड़ रुपये खर्च करने का अनुमान लगाया है।
- केंद्र ने 2,000 करोड़ रुपये का अस्थायी आवंटन किया है और राज्यों को बाकी भार को सहन करना होगा।
- ममता बनर्जी के अनुसार उनकी सरकार ने बंगाल में अस्पताल में भर्ती और उपचार मुफ्त मुहैया कराया है।
- उन्होंने बताया कि बंगाल सरकार ने पहले ही 50 लाख लोगों को अपने स्वाथ्य साथी कार्यक्रम के तहत नामांकित किया है।
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