Kanchi Shankaracharya Jayendra Saraswati dead at 82.
Jayendra Saraswati, the 69th Shankaracharya of the Kanchipuram Kamakoti Peetam math, has passed away. He was 82 years old.
The senior pontiff has been ailing in recent months. He had been admitted to the hospital most recently in January. He had been admitted to Chennai's Sri Ramachandra Hospital after he collapsed at the math with shortness of breath and low blood pressure.
He had been named as successor to the Kanchi Kamakoti Peetam by his predecessor, Chandrashekarendra Saraswati, widely known as the 'Mahaswami' of the math, in 1954. Jayendra Saraswati had become the head of the math in 1994 after the death of Chandrashekarendra Saraswati. During his time as the head pontiff, the math expanded its presence and role in charitable activities by setting up a number of hospitals and schools that continue to function.
He will now be succeeded by Vijayendra Saraswati.
The Kanchi Kamakoti Peetam is believed to have been established in the year 482 BC by Adi Shankara, the propounder of Advaita Vedanta, which caused a paradigm shift within Hinduism. It has the distinction of having an unbroken line of 70 acharyas, of whom Jayendra Saraswati was the 69th.
Jayendra Saraswati's had led efforts to expand the reach of the math in the 1970s and 80s, by reaching out to economically weakers sections of society. He had also attempted to take part in negotiations for the peaceful settlement of the Ram Janmabhoomi dispute in Ayodhya.
He had been acquitted in November 2013 in the case relating to the 2004 murder of A Sankararaman, manager of Kanchipuram's Varadaraja Perumal Temple. His arrest in 2004 and the two months he spent in judicial custody had come as a jolt to many in Tamil Nadu.
कांची शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का निधन।
कांचीपुरम कामकोटिक पीतम मठ के 69 वें शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का निधन हो गया है। वह बयासी वर्ष के थें।
हाल के महीनों में वरिष्ठ पुजारी बीमार हो गए थें और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। श्वास की कमी और निम्न रक्तचाप की शिकायत के बाद वह मठ में गिर गए थें और उन्हें चेन्नई के श्री रामचंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
1954 में पूर्ववर्ती चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती , जिन्हें मठ के 'महास्वामी' के रूप में जाना जाता था, द्वारा उन्हें मठ का मुखिया घोषित किया गया था। 1994 में चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती की मृत्यु के बाद जयेंद्र सरस्वती मठ के मुखिया बन गए थे। प्रधान पुजारी के रूप में उनके समय के दौरान मठ ने कई अस्पतालों और विद्यालयों की स्थापना करके धर्मार्थ गतिविधियों में अपनी उपस्थिति और भूमिका का विस्तार करने का कार्य जारी रखा था।
विजेंदर सरस्वती अब उनका स्थान ग्रहण करेंगे।
माना जाता है कि कांची कामकोटी पीतम वर्ष 482 ईस्वी में अद्वैत वेदांत के प्रदीपक आदरी शंकराचार्य द्वारा स्थापित किया गया था, जिसने हिंदू धर्म के भीतर एक आदर्श बदलाव किया था। इसमें 70 अचार्यों की एक अटूट रेखा होने की
विशिष्टता है, जिनमें से जयेंद्र सरस्वती 69 वें स्थान पर थे।
जयेंद्र सरस्वती ने 1970 और 80 के दशक में, आर्थिक रूप से कमजोर समाज के वर्गों तक पहुंचने के लिए मठ की पहुंच का विस्तार करने के प्रयासों का नेतृत्व किया। उन्होंने अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए वार्ता में भाग लेने का भी प्रयास किया।
नवंबर 2013 में उन्हें कांचीपुरम के वरुणराज पेरुमल मंदिर के प्रबंधक शंकररामन की हत्या के मामले से बरी कर दिया गया था। 2004 में उनकी गिरफ्तारी और दो महीने न्यायिक हिरासत में बिताना तमिलनाडु में कई लोगों के लिए एक झटके के रूप में था।
Global survey pegs average pay hike in 2018 at 9.4%.
- Companies in India are expected to give an average pay increase of 9.4% in 2018, according to a report by global professional services firm Aon Hewitt.
- That’s almost the same as that in 2017 — 9.3%. The report said the single-digit increase last year marked a departure from the double-digit increments given by organizations since the inception of the study.
- It was 10.2% in 2016. The study surveyed around 1,000 companies across 20 industries.
- Sectors such as professional services, consumer-internet companies, life sciences, automotive and consumer products continue to project a double-digit salary increase for 2018. Consumer internet companies are projecting a 10.4% this year, but that is down from 12.9% two years ago. IT projecting average hike of 9.5%
- The hi-tech/IT sector is projecting an average hike of 9.5% in 2018, whereas IT services companies, which provide the majority of the employment in India, are projecting an average hike of just 6.2%, about the same as last year.
- The report said the focus on performance is getting sharper year on year.
- A top performer is getting an average salary increase of 15.4%, approximately 1.9 times the pay increase for an average performer. Moreover, the bell curve is sharpening with a significant drop in the percentage of people in the highest rating. Pay increases for top and senior management are consistently going down.
- The attrition rate is seeing a continuous downward trend — the overall attrition has come down from an average of 20% in the previous decade to 15.9% in 2017.
- India Inc gives the highest increments among major Apac countries. In 2017, while India was at 9.3%, China was second with 6.5%. Malaysia gave an average increment of 5.1%, Singapore 3.9%, Australia 3.1%, and Japan 2.4%.
वैश्विक सर्वेक्षण के अनुसार, 2018 में 9.4% की औसत वेतन वृद्धि
- वैश्विक व्यावसायिक सेवा फर्म एन हेविट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में भारत में कंपनियां 9.4% की औसत वेतन वृद्धि देने की उम्मीद कर रही हैं।
- यह लगभग 2017 में - 9.3% के बराबर है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल एकल अंकों में वृद्धि ने अध्ययन की स्थापना के बाद संगठनों द्वारा दी गई दो अंकों की वृद्धि से प्रस्थान किया था। 2016 में यह 10.2% था। अध्ययन ने 20 उद्योगों में लगभग 1,000 कंपनियों का सर्वेक्षण किया।
- व्यावसायिक सेवाओं, उपभोक्ता-इंटरनेट कंपनियों, जीवन विज्ञान, मोटर वाहन और उपभोक्ता उत्पाद जैसे क्षेत्रों में 2018 तक दो अंकों का वेतन वृद्धि जारी रहेगी। उपभोक्ता इंटरनेट कंपनियों ने इस साल 10.4% प्रोजेक्ट किया है, लेकिन यह दो साल पहले 12.9% से कम है । आईटी ने 9.5% की औसत वृद्धि का अनुमान लगाया
- उच्च तकनीक / आईटी क्षेत्र 2018 में 9.5% की औसत वृद्धि का अनुमान लगा रहा है, जबकि आईटी सेवाओं की कंपनियों, जो कि भारत में अधिकांश रोजगार उपलब्ध कराती है, औसत वृद्धि में 6.2% की अनुमानित कर रहे हैं, जो पिछले साल के समान ही है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदर्शन पर ध्यान, वर्ष दर वर्ष तेज हो रहा है। एक शीर्ष कर्ता के औसत वेतन में 15.4% की बढ़ोतरी कर रहा है, औसत प्रदर्शन करने वाले के वेतन वृद्धि से 1.9 गुणा। इसके अलावा, बेल वक्र उच्चतम रेटिंग में लोगों के प्रतिशत में उल्लेखनीय तीव्र गिरावट दिखता है। शीर्ष और वरिष्ठ प्रबंधन के लिए वेतन वृद्धि लगातार नीचे जा रही है।
- छोड़ने की दर एक सतत गिरावट का दौर दिखा रही है - समग्र छोड़ने की दर 2017 में 15.9% थी जो पिछले एक दशक में 20% की एक औसत से नीचे है।
- भारत इंक प्रमुख एपैक देशों के बीच उच्चतम वेतनमान देता है। 2017 में, भारत 9.3% था, चीन 6.5% के साथ दूसरा था। मलेशिया ने 5.1%, सिंगापुर 3.9%, ऑस्ट्रेलिया 3.1%, और जापान 2.4% की औसत वृद्धि प्रदान की।