- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ में विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने श्री आदि शंकराचार्य समाधि का उद्घाटन किया और श्री आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया।
- The Prime Minister, Narendra Modi laid foundation stones and dedicated to the Nation various development projects in Kedarnath. He inaugurated Shri Adi Shankaracharya Samadhi and unveiled the statue of Shri Adi Shankaracharya.
- पूरे देश में 12 ज्योतिर्लिंगों तथा 4 धामों और आस्था के कई अन्य स्थानों पर पूजा-अर्चना की गई एवं समारोह आयोजित किए गए। ये सभी कार्यक्रम तथा केदारनाथ धाम का कार्यक्रम, केदारनाथ धाम के मुख्य कार्यक्रम से जुड़े थे।
- Prayers were offered and celebrations held at 12 Jyotirlingas and 4 dhams and many places of faith all over the country along with the event at Kedarnath Dham, all events were linked to the main event at Kedarnath Dham.
- आदि गुरु शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा का वजन 35 टन है और इसे मैसूर के मूर्तिकार योगीराज शिल्पी और उनके बेटे ने बनाया है।
- The 12-feet tall statue of Adi Guru Shankaracharya weighs 35 tonnes and has been made by Mysore-based sculptors Yogiraj Shilpi and his son.
- इस चट्टान की खासियत यह है कि यह बारिश, धूप और कठोर जलवायु का सामना कर सकती है। प्रतिमा का निर्माण सितंबर 2020 में शुरू हुआ था।
- The speciality of this rock is that it can withstand rain, sunshine and harsh climate. The making of the statue began in September 2020.
- 2013 में केदारनाथ में आयी प्राकृतिक आपदा के बाद, 2014 में इसका पुनर्निर्माण शुरू किया गया था। केदारनाथ में संपूर्ण पुनर्निर्माण कार्य प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत मार्गदर्शन में किया गया है। प्रधानमंत्री ने इस परियोजना की प्रगति की लगातार समीक्षा एवं निगरानी की है और उन्होंने पुनर्विकास कार्य के लिए दूरगामी सुझाव दिए।
- After the natural disaster in Kedarnath in 2013, its reconstruction was started in 2014. The entire reconstruction work at Kedarnath has been undertaken under the personal guidance of the Prime Minister, who has constantly reviewed and monitored the progress of the project and given his vision for the re-development works there.
- बुनियादी ढांचे से जुड़ी जो परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, उनमें सरस्वती आस्थापथ एवं घाट के इर्दगिर्द सुरक्षा की दीवार, मंदाकिनी आस्थापथ के इर्दगिर्द सुरक्षा की दीवार, तीर्थ पुरोहित गृह और मंदाकिनी नदी पर गरुड़ चट्टी पुल शामिल हैं। इन परियोजनाओं को 130 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पूरा किया गया है।
- Key infrastructure projects which have been completed, including Saraswati Retaining Wall Aasthapath and Ghats, Mandakini Retaining Wall Aasthapath, Tirth Purohit Houses and Garud Chatti bridge on river Mandakini. The projects have been completed at a cost of over Rs. 130 crore.
- प्रधानमंत्री ने संगम घाट के पुनर्विकास, प्राथमिक चिकित्सा एवं पर्यटक सुविधा केंद्र, प्रशासनिक कार्यालय एवं अस्पताल, दो अतिथि गृह, पुलिस स्टेशन, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, मंदाकिनी आस्थापथ कतार प्रबंधन और रेनशेल्टर एवं सरस्वती नागरिक सुविधा भवन सहित 180 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।
- He also laid the foundation stone for multiple projects worth over Rs 180 crore, including the Redevelopment of Sangam Ghat, First Aid and Tourist Facilitation Centre, Admin Office and Hospital, two Guest Houses, Police Station, Command & Control Centre, Mandakini Aasthapath Queue Management and Rainshelter and Saraswati Civic Amenity Building.
- केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने प्रसाद योजना के तहत 'केदारनाथ के एकीकृत विकास' के अंतर्गत कई परियोजनाओं के कार्य पूरे किए हैं। एकीकृत परियोजना के तहत, कई परियोजना कार्य जैसे किफायती स्वच्छ खाद्य सामग्री दुकान, शौचालय खंड, इको-लॉग इंटरप्रिटेशन सेंटर, सूचना संकेतक बोर्ड, रुद्रप्रयाग में स्नान घाट; तिलवाड़ा में पार्किंग, बैठने की व्यवस्था, सोलर एलईडी स्ट्रीट लाइट, शौचालय खंड, दिशासूचक बोर्ड; अगस्तमुनि में बैठने की व्यवस्था, तीन विश्राम गृह, दो व्यू प्वाइंट (दर्शक दीर्घा), सुरक्षा दीवारें, शौचालय खंड, पार्किंग; ऊखीमठ में इको लॉग हट्स, इंटरप्रिटेशन सेंटर, प्रसाद की दुकानें, बहुस्तरीय पार्किंग; गुप्तकाशी में सौर एलईडी स्ट्रीट लाइट, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन; कालीमठ में फूड कियोस्क, रिटेनिंग वॉल; सीतापुर में बैठने की व्यवस्था, पर्यटक सूचना केंद्र, सोलर एलईडी स्ट्रीट लाइट का काम पूरा कर लिया गया है।
- The Union Ministry of Tourism has completed several works under ‘Integrated development of Kedarnath’ under PRASHAD scheme. Under the integrated project, several project components such as Economic Hygienic Food Shop, Toilet Block, Eco-Log Interpretation Center, Informative Signage, SnaanGhat at Rudraprayag; Parking, Sitting Arrangements, Solar LED Street Light, Toilet Block, Directional Signage at Tilwara; Sitting Arrangement, 3 Rest Shelter,2View Point, Protection Walls, Toilet Block, Parking at Augustmuni; Eco Log Huts, Interpretation Center, Prasad Shops, Multilevel Parking at Ukhimath; Solar LED Street Light, Solid Waste Management at Guptakashi; Food Kiosk, Retaining Wall, at Kalimath; Sitting Arrangement, Tourist Information Center, Solar LED Street Light at Sitapur have been completed.
- परियोजना के तहत सीसीटीवी, निगरानी, वाई-फाई स्थापना सहित सात स्थानों पर आईईसी का काम भी पूरा कर लिया गया है। परियोजना के सभी स्वीकृत कार्य जून 2021 में सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए हैं। केदारनाथ परियोजना के एकीकृत विकास के लिए स्वीकृत परियोजना की लागत 34.78 करोड़ रुपये है।
- IEC at seven places including CCTV, Surveillance, Wi-Fi Installation have also been completed under the project.. All approved interventions of the project have been successfully completed in June 2021.The sanctioned project cost for the integrated development of Kedarnath project is Rs. 34.78 cr.
- भक्तों के बीच केदारनाथ एक आकर्षक और लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध हो रहा है। ध्यान गुफा, जिसमें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एकांत में 17 घंटे बिताए थे, भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। सरकार ने इस प्राचीन गुफा को भैरवनाथ मंदिर के सामने पुनर्निर्माण परियोजना के तहत ध्यान के लिए तैयार किया है। प्रधानमंत्री के ध्यान सत्र के बाद यह गुफा भारतीय और अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों के बीच काफी लोकप्रिय हो गई।
- Kedarnath is coming up as an attractive and popular tourist destination among devotees. The Meditation Cave, in which Prime Minister Shri Narendra Modi spent 17 hours in solitude, has become a centre of attraction for devotees. The government has prepared this ancient cave under the reconstruction project for meditation in front of Bhairavnath Temple. It was after the PM’s meditation session that the cave became popular among Indian and international pilgrims.
- स्थानीय प्रशासन केदारनाथ धाम में तीन और गुफाएं विकसित कर रहा है। केदारनाथ के पास करीब 12,500 फुट की ऊंचाई पर इन तीनों गुफाओं का निर्माण किया जा रहा है ताकि भक्त एकांत में और शांति से ध्यान कर सकें।
- Three more caves are also being developed at Kedarnath Dham by the local administration. These three caves are being built at an altitude of around 12,500 feet near Kedarnath so that devotees can meditate in solitude and peace.
कौन हैं आदि गुरु शंकराचार्य? / Who is Adi Guru Shankaracharya?
- आदि गुरु शंकराचार्य 8 वीं शताब्दी के भारतीय आध्यात्मिक नेता और दार्शनिक थे, जिनका जन्म केरल में हुआ था।
- Adi Guru Shankaracharya was an 8th-century Indian spiritual leader and philosopher who was born in Kerala.
- उन्होंने अद्वैत वेदांत के सिद्धांत को मजबूत किया और पूरे भारत में चार मठों की स्थापना करके हिंदू धर्म को एकजुट करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- He consolidated the doctrine of Advaita Vedanta and made a significant contribution in unifying Hinduism by setting up four Mathas across India.
- माना जाता है कि उनके द्वारा स्थापित चार मठों ने अद्वैत वेदांत के ऐतिहासिक विकास, पुनरुद्धार और प्रचार में मदद की थी।
- The four Mathas he set up are believed to have helped in the historical development, revival and propagation of Advaita Vedanta.
- माधव और रामानुज के साथ आदि गुरु शंकराचार्य ने हिंदू धर्म के पुनरुद्धार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- Adi Guru Shankaracharya, along with Madhava and Ramanuja, played an important role in the revival of Hinduism.
- आदि शंकराचार्य, माधव और रामानुज द्वारा बनाए गए सिद्धांतों का आज तक उनके संबंधित संप्रदायों द्वारा पालन किया जाता है।
- The doctrines formed by Adi Shankaracharya, Madhava and Ramanuja are followed by their respective sects to date.
- कहा जाता है कि आदि गुरु शंकराचार्य ने यहां केदारनाथ में समाधि ली थी और इसलिए उत्तराखंड के हिमालय का विशेष महत्व है।
- Adi Guru Shankaracharya is said to have taken samadhi here at Kedarnath and hence Uttarakhand's Himalayas hold special significance.
- उनकी जयंती को आदि शंकराचार्य जयंती के रूप में मनाया जाता है जो आमतौर पर अप्रैल या मई में आती है। इस साल यह 17 मई को मनाया गया।
- His birth anniversary is observed as Adi Shankaracharya Jayanti which usually falls in April or May. This year it was celebrated on May 17.
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