- On Dec 8, 2021, Chief of Defence Staff (CDS) General Bipin Rawat, his wife, and 11 other people died in a chopper crash near Coonoor in Tamil Nadu.
- 8 दिसंबर, 2021 को, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य लोगों की तमिलनाडु में कुन्नूर के नजदीक एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई।
- Gen Rawat had served as the Chief of the Indian Army from December 17, 2016, to - December 31, 2019.
जनरल रावत 17 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक भारतीय थल सेना के प्रमुख थे।
- He was appointed as India's first Chief of Defence Staff on December 31, 2019.
- उन्हें 31 दिसंबर 2019 को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
Here is a timeline of what happened to the IAF helicopter carrying Chief of Defence Staff Bipin Rawat and others that crashed near Coonoor in Tamil Nadu on 08th December 2021 / तमिलनाडु में 8 दिसंबर को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत तथा अन्य को ले जा रहा एक हेलीकॉप्टर कुन्नूर के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे से संबंधित घटनाक्रम इस प्रकार है:
* IAF's Embraer aircraft carrying Rawat, his wife and other defence personnel takes off around 9 am from Palam airbase in Delhi for Sulur airbase near Coimbatore in Tamil Nadu
* रावत, उनकी पत्नी और अन्य रक्षा कर्मियों को लेकर आईएएफ के एम्ब्रेयर विमान ने सुबह लगभग नौ बजे दिल्ली के पालम एयरबेस से तमिलनाडु में कोयंबटूर के पास स्थित सुलूर एयरबेस जाने के लिये उड़ान भरी।
* Aircraft lands at Sulur airbase around 11.35 am
* विमान सुबह करीब 11.35 बजे सुलूर एयरबेस पर उतरा।
* IAF's Mi17V5 chopper, with Rawat, his wife and 12 defence personnel onboard, departs from Sulur airbase around 11.45 am for Defence Services Staff College in Wellington
* आईएएफ का एमआई17वी5 हेलीकॉप्टर सुबह लगभग 11.45 बजे सुलूर एयरबेस से रावत, उनकी पत्नी और 11 रक्षा कर्मियों को लेकर वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज रवाना हुआ।
* Helicopter crashes near Coonoor in Tamil Nadu around 12.20 pm
* तमिलनाडु में कुन्नूर के पास दोपहर करीब 12.20 बजे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ।
* IAF confirms at 1.53 pm that its Mi17V5 chopper with Rawat onboard has crashed near Coonoor
* आईएएफ ने दोपहर 1.53 बजे पुष्टि की कि उसका एमआई17वी5 हेलीकॉप्टर कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया है, जिसमें रावत भी सवार थे।
* IAF announces at 6.03 pm that Rawat, his wife and 11 other people onboard the chopper have died in the crash.
* आईएएफ ने शाम 6.03 बजे घोषणा की कि रावत, उनकी पत्नी और हेलीकॉप्टर में सवार 11 अन्य लोगों की दुर्घटना में मौत हो गई है।
IAF's Mi-17V-5 helicopter crash: All you need to know about Russia-made chopper / एमआई17वी5 सैन्य हेलिकॉप्टर क्रैश : रूस निर्मित हेलीकॉप्टर के बारे में जानें सब कुछ
- The helicopter has been identified as Mi-17V-5 medium-lifter chopper, one of the most advanced and versatile helicopters in the world today.
- दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर की पहचान एमआई17वी5 मीडियम-लिफ्टर हेलीकॉप्टर (medium lifter helicopters) के रूप में हुई है. यह दुनिया के सबसे उन्नत और बहुमुखी हेलीकॉप्टरों (most advanced and versatile helicopters) में से एक है।
- Although, there are previous crash incidences involving the Mi-series of helicopters, the safety record of the chopper is better than some other cargo choppers in the world.
- हालांकि, Mi- series के हेलीकॉप्टरों (Mi-series of helicopters) से दुर्घटना की घटनाएं पहले भी हुई हैं, हेलीकॉप्टर का सेफ्टी रिकॉर्ड दुनिया बाकी कार्गो हेलीकॉप्टरों की तुलना में बेहतर है।
Production and History / उत्पादन और इतिहास
- The Mi-17V-5 is a military transport variant of the Mi-8/17 family of helicopters, globally famous for being versatile, reliable and value-for-money. The helicopters are produced by Kazan Helicopters, a subsidiary of Russian Helicopters in Kazan, Russia. The helicopter can be used in a wide variety of military operations right from troop and arms transport, fire support, convoy escort, patrol, and search-and-rescue (SAR) missions.
- एमआई17वी5 हेलीकॉप्टरों के Mi-8/17 का एक सैन्य परिवहन (military transport ) है, जो विश्व स्तर पर अपनी विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है। हेलीकाप्टरों का निर्माण रूसी हेलीकाप्टरों की सहायक कंपनी कजान हेलीकॉप्टर (Kazan Helicopters) द्वारा किया जाता है. हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल सेना और हथियारों के परिवहन, अग्नि सहायता, कॉन्वे एस्कॉर्ट, गश्त और सर्च और रेस्कयू (search-and-rescue) अभियान में किया जाता है।
-The Ministry of Defence placed an order of 80 helicopters to the Russian Helicopters in December 2008 for the use of the chopper in the Indian Air Force (IAF). The deliveries began in 2011 and the final unit was handed over in 2018.
- रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना (Indian Air Force ) में हेलीकॉप्टर के उपयोग के लिए दिसंबर 2008 में रूसी हेलीकॉप्टरों को 80 हेलीकॉप्टरों का ऑर्डर दिया था. डिलीवरी 2011 में शुरू हुई और अंतिम यूनिट 2018 में सौंपी गई थी।
Weapon systems / हथियार प्रणाली
- Not just transport, the Mi-17V-5 can also be armed with a wide range of weapons that are required while dropping troops or cargo amidst a hostile environment. It can be loaded with Shturm-V missiles, S-8 rockets, a 23mm machine gun, PKT machine guns, and AKM sub-machine guns.
- केवल परिवहन ही नहीं, एमआई17वी5 हथियारों की एक विस्तृत श्रृंखला से लैस होता है, इसे Shturm-V मिसाइल, S-8 रॉकेट, एक 23mm मशीन गन, PKT मशीन गन और AKM सब-मशीन गन से लोड किया जा सकता है।
Cockpit and Avionics / कॉकपिट और एवियोनिक्स
- The Mi-17V-5 is equipped with a glass cockpit that gets state-of-the-art avionics, including four multifunction displays (MFDs), night-vision equipment, an on-board weather radar, and an autopilot system. For India, the Mi-17V-5 helicopters also get KNEI-8 avionics suite including navigation, information-displays and cueing systems.
- एमआई17वी5 एक ग्लास कॉकपिट से लैस है, जिसमें अत्याधुनिक एवियोनिक्स होते हैं, जिसमें चार मल्टीफंक्शन डिस्प्ले (four multifunction displays), नाइट-विजन उपकरण (night-vision equipment), एक ऑन-बोर्ड वेदर रडार (an-board weather radar) और एक ऑटोपायलट सिस्टम (autopilot system) शामिल हैं. भारत के एमआई17वी5 हेलीकॉप्टरों को नेविगेशन, सूचना-डिस्प्ले और क्यूइंग सिस्टम सहित KNEI-8 एवियोनिक्स सूट (KNEI-8 avionics suite ) भी मिलता है।
Engine and performance / इंजन और प्रदर्शन
- The Mi-17V-5 is powered by either a Klimov TV3-117VM or VK-2500 turbo-shaft engine. While the TV3-117VM develops a maximum power of 2,100hp, the VK-2500 provides a power output of 2,700hp.
- एमआई17वी5 या तो Klimov TV3-117VM या VK-2500 टर्बो-शाफ्ट इंजन द्वारा संचालित किया जाता है, जहां TV3-117VM 2,100hp तक पावर विकसित करता है, वहीं VK-2500 2,700hp इसे पावर आउटपुट प्रदान करता है।
- The new-gen helicopters get the VK-2500 engine which is a more advanced version of TV3-117VM with a new full-authority digital control system (FADEC). It has a speed of 250 kmph, and a range of 580km. It can be extended to 1,065 km when fitted with two auxiliary fuel tanks. The helicopter can fly at a maximum altitude of 6,000m.
- नई पीढ़ी के हेलीकॉप्टरों में VK-2500 इंजन का इस्तेमाल किया जाता है, जो कि फुल ऑथोरिटी डिजिटल कंट्रोल सिस्टम (full-authority digital control system) के साथ TV3-117VM का एडवांस वर्जन है. इसकी गति 250 किमी प्रति घंटा और रेंज 580 किमी है. इसकी गति को दो सहायक ईंधन टैंक के साथ फिट करके 1,065 किमी तक बढ़ाया जा सकता है। यह हेलीकॉप्टर अधिकतम 6,000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ सकता है।
Cabin and Features / केबिन और विशेषताएं
- The Mi-17 transport helicopter gets a large cabin with a standard portside door for passengers and a ramp at rear for quick troop and cargo movement. The helicopter has a maximum takeoff weight of 13,000 kg and can carry upto 36 armed soldiers or 4,500kg of load on a sling.
- Mi-17 ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर में यात्रियों के लिए एक स्टेंडर्ड पोर्टसाइड दरवाजे (standard portside door) के साथ एक बड़ा केबिन और कार्गो आवाजाही के लिए पीछे की तरफ रैंप होता है। हेलीकॉप्टर का अधिकतम वजन 13,000 किलोग्राम है और यह 36 सशस्त्र सैनिकों या 4,500 किलोग्राम भार को एक गोफन पर ले जा सकता है. वीआईपी मूवमेंट के लिए इस हेलिकॉप्टर की सेवा ली जाती है.।
- It can be used in variety of conditions including tropical and maritime climates, as well as desert conditions.
- इसका उपयोग उष्णकटिबंधीय और समुद्री जलवायु (tropical and maritime climates) के साथ-साथ रेगिस्तान में सहित विभिन्न स्थितियों में किया जा सकता है।
Bipin Rawat - an outstanding, forthright military commander with vision of tri-service synergy / बिपिन रावत: उत्कृष्ट, स्पष्टवादी, निडर सैन्य कमांडर, जिन्हें भू-राजनीतिक उथल-पुथल की गहरी समझ थी
- A quintessential military commander, Gen Bipin Rawat possessed an uncanny understanding of geopolitical upheavals, calibrated a tri-services military doctrine to make India face myriad security challenges, and is largely credited with bringing down militancy in the Northeast and Jammu and Kashmir.
- उत्कृष्ट सेवा के लिए पहचाने जाने वाले सैन्य कमांडर जनरल बिपिन रावत भू-राजनीतिक उथल-पुथल की अद्भुत समझ के धनी थे। उन्होंने भारत के सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए त्रि-सेवा सैन्य सिद्धांत की रूपरेखा तैयार की। पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद की कमर तोड़ने का श्रेय भी उन्हें दिया जाता है।
- As India’s first Chief of Defence Staff, Gen Rawat was tasked to bring in theatre command and jointness among the three services, and he was pushing it with a tough approach and specific timelines in the last two years.
- भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) के रूप में जनरल रावत को तीनों सेवाओं के बीच समन्वय विस्तार और संयुक्तता लाने का काम सौंपा गया था। वह पिछले दो वर्षों से एक सटिक दृष्टिकोण और विशिष्ट समयसीमा के साथ इसे आगे बढ़ा रहे थे।
- Known to be forthright, fearless, and blunt at times, the outstanding military commander ruffled many feathers with his controversial remarks during his tenure as Army Chief and Chief of Defence Staff.
- स्पष्टवादी और निडर होने के लिए पहचाने जाने वाले जनरल रावत, सेना प्रमुख और सीडीएस के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अपनी उपलब्धियों के साथ साथ कुछ विवादास्पद टिप्पणियों के लिए भी चर्चा में रहे।
- He strongly backed a policy of hot pursuit in dealing with cross-border terrorism and militancy in Jammu and Kashmir when he was the Army Chief between 2016 and 2019.
- जब वह 2016 और 2019 के बीच सेना प्रमुख थे, तब उन्होंने जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने के लिए 'त्वरित कार्रवाई' की नीति का पुरजोर समर्थन किया था।
- Much before the Doklam standoff in 2017, Gen Rawat had highlighted that India’s primary and long-term security challenge would come from an increasingly assertive China and that India needed to modernise its armed forces to confront it.
- वर्ष 2017 में डोकलाम गतिरोध से बहुत पहले ही जनरल रावत ने इस बात पर प्रकाश डाला था कि चीन से भारत के समक्ष प्राथमिक और दीर्घकालिक सुरक्षा चुनौती सामने आएगी और भारत को इसका सामना करने के लिए अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की आवश्यकता है।
- Gen Rawat had also played a major role in successfully carrying out the 2015 cross-border operation into Myanmar in response to a major ambush by Naga militants.
- जनरल रावत ने नगा उग्रवादियों के एक बड़े हमले के जवाब में म्यांमार में 2015 के सीमा पार अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम देने में भी प्रमुख भूमिका निभाई थी।
- He was also part of the planning when India carried out surgical strikes against terror launch pads across the Line of Control in Pakistani-Occupied Kashmir that inflicted significant casualties on the adversary.
- वह उस योजना का भी हिस्सा थे, जब भारत ने पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी, जिसमें विरोधी पक्ष को काफी नुकसान हुआ था।
- Gen Rawat was the Chief of Army Staff when Indian fighter jets pounded a Jaish-e-Mohammad terrorist training camp deep inside Pakistan’s Balakot, and was reportedly part of the decision-making process and provided key inputs for the operation.
- भारतीय लड़ाकू विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट के अंदर घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाये जाने के अभियान में तत्कालीन थल सेना अध्यक्ष जनरल रावत ने अहम भूमिका निभायी थी और उन्होंने अभियान के लिए महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रदान की थीं।
- The first sitting Chief of Army Staff to be appointed as the CDS, Gen Rawat had an illustrious career spanning over four decades during which he served with distinction in several conflict-ridden areas, including Jammu and Kashmir and the Northeast.
- सीडीएस के रूप में नियुक्त होने वाले पहले सेनाध्यक्ष जनरल रावत का चार दशकों में एक शानदार करियर रहा, जिसके दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर सहित कई संघर्ष-ग्रस्त क्षेत्रों में गौरव के साथ काम किया।
- In 2017, Gen Rawat faced criticism for awarding the Chief of Army Staff’s Commendation card to Major Leetul Gogoi for efforts in counter-insurgency operations. Gogoi had tied a man to his military jeep purportedly as a shield against stone pelters during the 2017 Srinagar by-election.
- वर्ष 2017 में जनरल रावत को उग्रवाद विरोधी अभियानों में प्रयासों के लिए मेजर लीतुल गोगोई को सेनाध्यक्ष के प्रशस्ति कार्ड से सम्मानित करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था। गोगोई ने 2017 के श्रीनगर उपचुनाव के दौरान पथराव करने वालों के खिलाफ ढाल के रूप में एक व्यक्ति को अपनी सैन्य जीप से बांध दिया था।
- In 2019, his comments relating to protests against the Citizenship Amendment Act triggered criticism.
- वर्ष 2019 के दौरान संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ उनकी टिप्पणियों की आलोचना हुई थी।
- Rawat was born in Pauri, Uttarakhand, on March 16, 1958. His family had been serving in the Indian Army for multiple generations. His father Laxman Singh Rawat was from Sainj village of the Pauri Garhwal district and rose to the rank of Lt General. Rawat attended Cambrian Hall School in Dehradun and the St Edward’s School, Shimla.
- जनरल रावत का जन्म 16 मार्च, 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी में हुआ था। उनका परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवारत रहा। उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत पौड़ी गढ़वाल जिले के सैंज गांव से थे और लेफ्टिनेंट जनरल के पद तक पहुंचे थे। रावत ने देहरादून के कैम्ब्रियन हॉल स्कूल और सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला में पढ़ाई की थी।
- Rawat was commissioned into the 5th battalion of 11 Gorkha Rifles on December 16, 1978, As a Colonel, he commanded the 5th battalion of 11 Gorkha Rifles in the Eastern sector along the Line of Actual Control at Kibithu. Promoted to the rank of Brigadier, he commanded 5 Sector of Rashtriya Rifles in Sopore. He then commanded a multinational Brigade in a Chapter VII mission in Congo under UN mission.
- जनरल रावत को 16 दिसंबर 1978 को '11 गोरखा राइफल्स' की पांचवीं बटालियन में शामिल किया गया था। कर्नल के रूप में उन्होंने किबिथू में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ पूर्वी सेक्टर में पांचवीं बटालियन की कमान संभाली। बाद में ब्रिगेडियर के पद पर पदोन्नत होकर उन्होंने सोपोर में 'राष्ट्रीय राइफल्स' के 5 सेक्टर की कमान संभाली। इसके बाद उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत कांगो में एक बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की भी कमान संभाली।
- After promotion to Major General, Rawat took over as the General Officer Commanding 19th Infantry Division at Uri. As a Lt General, he commanded III Corps headquartered in Dimapur before taking over the Southern Army in Pune.
- मेजर जनरल के पद पर पदोन्नति के बाद, रावत ने उरी में 19वीं इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में पदभार संभाला। लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में उन्होंने पुणे में दक्षिणी कमान को संभाला।
- In December 2016, he was appointed as the 27th Chief of the Army Staff, superseding two senior Lt Generals, Praveen Bakshi and P M Hariz.
- दिसंबर 2016 में, उन्होंने दो वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल- प्रवीण बख्शी और पी एम हरीज- को पीछे छोड़ते हुए 27 वें थल सेनाध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला।
From Balayogi to YSR, Helicopter Crashes Have Killed Many VIPs in India / जीएमसी बालयोगी से वाईएसआर रेड्डी : हेलीकॉप्टर दुर्घटना में भारत के कई वीआईपी की मृत्यु
- From Lok Sabha speaker G.M.C. Balayogi to Andhra Pradesh chief minister Y.S. Rajasekhara Reddy, helicopter crashes have killed a number of VIPs, mainly politicians, in the country in the last few decades
- लोकसभा के दिवंगत अध्यक्ष जीएमसी बालयोगी से लेकर आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई. एस. राजशेखर रेड्डी सहित कई वीआईपी की पिछले कुछ दशक में देश में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो चुकी है।
- The last such incident that killed senior armed forces officers occurred on November 22, 1963. Lieutenant General Daulat Singh, Air Vice Marshal E.W. Pinto, Lieutenant General Bikram Singh, Major General K.N.D. Nanavati, Brigadier S.R. Oberoi and Flight Lieutenant S.S. Sodhi were killed when a Chetak helicopter crashed near Poonch district in the Jammu region.
- सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की दुर्घटना में अंतिम बार 22 नवंबर 1963 को मृत्यु हुई थी। लेफ्टिनेंट जनरल दौलत सिंह, एयर वाईस मार्शल ई. डब्ल्यू. पिंटो, लेफ्टिनेंट जनरल बिक्रम सिंह, मेजर जनरल के. एन. डी. नानावती, ब्रिगेडियर एस. आर. ओबेरॉय और फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस. एस. सोढ़ी की जम्मू क्षेत्र के पुंछ जिले में चेतक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से मृत्यु हो गई थी।
- When he was a lieutenant general, Rawat had a close shave when a Cheetah helicopter carrying him crashed seconds after taking off from the Rangapahar helipad in Nagaland’s Dimapur district on February 2, 2015.
- रावत जब लेफ्टिनेंट जनरल थे तो दो फरवरी 2015 को नगालैंड के दीमापुर जिले में रंगापहाड़ के पास चीता हेलीकॉप्टर उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें वह बाल-बाल बच गए थे।
- A number of politicians have been killed in chopper crashes.
- हेलीकॉप्टर दुर्घटना में कई नेता मारे जा चुके हैं।
- YSR, as Rajasekhara Reddy was popularly known, and four others were killed when their helicopter crashed on a hillock, about 79 kilometres east of Kurnool in Andhra Pradesh, more than an hour after it took off from Hyderabad on September 2, 2009.
आंध्रप्रदेश के कुर्नूल से 49 मील दूर हेलीकॉप्टर दुर्घटना में रेड्डी और चार अन्य लोगों की दो सितंबर 2009 को मृत्यु हो गई थी।
- Balayogi died on March 3, 2002, when a private helicopter carrying him from Bhimavaram in West Godavari district crashed into a pond near Kaikalur in the Krishna district of Andhra Pradesh.
- आंध्रप्रदेश के कृष्णा जिले में तीन मार्च 2002 को बालयोगी की एक निजी हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी।
- Arunachal Pradesh chief minister Dorjee Khandu and four other people were killed on April 30, 2011, when a helicopter carrying them from Tawang to Itanagar crashed in the West Kameng district of the state.
- अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू और चार अन्य की 30 अप्रैल 2011 को राज्य के पश्चिम कामेंग जिले में उस वक्त हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई जब वे तवांग से ईटानगर जा रहे थे।
- On March 31, 2005, Haryana’s agriculture minister Surender Singh and power minister O.P. Jindal – who was also a noted industrialist – were killed when their chopper crashed near Saharanpur in Uttar Pradesh.
- उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में 31 मार्च 2005 को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हरियाणा के कृषि मंत्री और ऊर्जा मंत्री ओ. पी.जिंदल की मृत्यु हो गई थी।
- Meghalaya’s rural development minister Cyprian Sangma and nine others, were killed when the chopper crashed near the Barapani lake, just 20 kilometres from the state capital, on September 22, 2004.
- मेघालय के ग्रामीण विकास मंत्री और नौ अन्य की 22 सितंबर 2004 को राज्य की राजधानी से महज 20 किलोमीटर दूर हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
- Arunachal Pradesh education minister Dera Natung was killed on May 8, 2001, when a Pawan Hans helicopter carrying him from Itanagar to West Kameng crashed due to rough weather.
- अरूणाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री डेरा नाटुंग की आठ मई 2001 को खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
- On November 14, 1997, the minister of state for defence N.V.N. Somu was killed when an Indian Air Force (IAF) helicopter crashed over some snow-capped mountains in Arunachal Pradesh.
- अरूणाचल प्रदेश में ही 14 नवंबर 1997 को रक्षा राज्यमंत्री एन. वी. एन. सोमू की भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से मृत्यु हुई थी।
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